मेरठ हिंसा के दौरान पुलिस पर फायरिंग करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ ने बताया कि बीते 20 दिसंबर को नागरिक कानून के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान हुई  हिंसात्मक घटनाओं के संदर्भ में  सीसीटीवी के फुटेज में पहचान के आधार पर उपद्रव में शामिल अनस नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। जिसके पास से 32 बोर का कंट्री मेड पिस्टल, दो जिंदा कारतूस बरामद हुआ था और उसकी निशानदेही पर उसके आवास से 315 बोर के दो तमंचे, 12 बोर का एक तमंचा, 315 बोर के 12 कारतूस और 12 बोर के छह कारतूस बरामद हुए थे।फायरिंग करते हुए इसका वीडियो भी वायरल हुआ था इससे पूछताछ के बाद नदीम नामक एक और व्यक्ति को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।जिसके पास से 315 बोर का तमंचा और दो कारतूस बरामद हुआ। जिसे थाना लिसाड़ी गेट पर 11 जनवरी को परवेज़ गिरफ्तार किया गया ।जिसके पास से 315 बोर का एक तमंचा और दो कारतूस और मोहसिन को 12 बोर के तमंचे और दो जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया।14 जनवरी 2020 को अनीस खलीफा नामक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 9एमएम का एक कंट्रीमेड पिस्तौल, दो कारतूस और एक तमंचा 315 बोर मय तीन जिंदा कारतूस बरामद किया गया ।



यह तीनों 20 दिसंबर, 2019 की हिंसात्मक घटना में फायरिंग करने में सम्मिलित थ। अनीस खलीफा ने पूछताछ में बताया कि 1987 में मेरठ में हुए दंगे में उसके भाई की हत्या हो गई थी। 20 दिसंबर 2019 को जब इस तरह की गतिविधियों की संभावना थी तो उसने अपने साथियों के साथ तैयारी किया था कि उसको बदला लेना है। इसके आधार पर साथियों को मोटिवेट किया और फायरिंग जैसी घटना को अंजाम दिया था। फायरिंग करने में इसका भी वीडियो वायरल हुआ था। फायरिंग करने वाले की पहचान अनस एंव अनीस और खलीफा के रूप में हुई है। इनके संदर्भ में आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।