विदाई के समय भावुक हुए ओपी सिंह 37 साल तो चट्टान थे, विदाई में पिघल गये


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।उत्तर प्रदेश की पुलिस में कमिश्नरी प्रणाली लागू कराने का इतिहास रचने वाले पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह अपनी विदाई के समय भावुक हो गये। विदाई कार्यक्रम में बोलते हुए ओपी सिंह ने कहा कि मेरी सेवानिवृत्ति के अवसर पर सम्मान पाकर अभिभूत हूँ।आज की परेड के लिए मैं अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी और पुलिस आयुक्त लखनऊ समेत सभी पुलिसकर्मियों को बधाई देता हूं। देश के सबसे बड़े पुलिसबल का नेतृत्व करने का मुझे जो अवसर मिला उसे बयां नही कर सकता। मेरे सेवा काल में जो भी उपलब्धियां रहीं वह आपके सहयोग से ही सम्भव हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलिस की सेवा एक नौकरी नहीं पुण्य जनसेवा वरदान से कम नहीं। इस विभाग से समाज की अपेक्षाएं प्रतिदिन बढ़ रहीं हैं। यूपी पुलिस के लिए बीता वर्ष ऐतिहासिक उपब्धियों से भरा रहा है। लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में पुलिस आयुक्त प्रणाली उत्तर प्रदेश पुलिस की भविष्य में दशा और दिशा तय करेगी। दोनो पुलिस कमिश्नरों को धन्यवाद देता हूँ और आशा करता हूँ कि वो हमारी कसौटियों पर खरे उतरेंगे।एकीकृत आपात सेवा 112 का शुभारंभ किया गया। हमारी पुलिस अमेरिका जैसे विकसित देश को पछाड़ते हुए विश्व मे तीसरा स्थान प्राप्त किया। यूपी पुलिस ने साइबर क्राइम अगेंस्ट वीमेन में बड़ा काम किया। ई कोर्ट का शुभारंभ हुआ, टियूटर पर 7000 प्राथमिकी दर्ज हुईं, यूपी में 62वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट हुई, साईबर अपराध के लिए साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन के लिए वर्कशॉप हुई। कानून व्यवस्था के क्षेत्र में, कुम्भ और अयोध्या प्रकरण के समय पुलिस की सराहना हुई। संगठित अपराध के मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी, जिसमें हमारे 5 पुलिस के जवान शहीद हुए।सेवानिवृत्त के पूर्व की रात में हमारी पुलिस ने फर्रुखाबाद में 21 बच्चों को जिसे एक दुर्दांत के बंधक बना लिया था उसके कब्जे से बच्चों को न सिर्फ सकुशल छुड़ाया बल्कि इनकाउंटर में उसे मारा गिराया। नाबालिग लड़कियों से दुराचार के मामलों में दोषियों को पॉस्को के तहत ऐतिहासिक समय मे अपराधियों को सजा दिलाई, यूपी में बलातकार की घटनाओं में 28 प्रतिशत की कमी आयी।


हितेश चंद्र अवस्थी होंगे यूपी के नये पुलिस महानिदेशक (कार्यवाहक)


पदोन्नति और भर्ती में कुल121आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति हुई, 46 हजार से ज्यादा पदोन्नतियां की गईं। आगे की कार्यवाही प्रचलित है। 5 हजार पुलिस अधिकारियों को सम्मान दिया गया। हमारी कोशिश रही कि पुलिस परिवार के लिए अधिक से अधिक किया जा सके।आज 37 साल की सेवा के उपरांत अच्छा और बुरा दोनो लग रहा है।अच्छा इसलिए क्योंकि पिछले 2 साल तक प्रदेश के सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठ कर कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम किया, बुरा इसलिए क्योंकि आज विदा ले रहा हूँ। अंत मे यही कहूंगा कि जितने भी पुलिस कर्मचारी और अधिकारी हैं उन्हें अपने और परिवार की ओर से बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।