बप्पा कोरोना का संकट हरो ना, क्रिकेट बोल्ड बाई कोरोना,


चित्र- डॉ आशुतोष दुबे


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कोरोना को लेकर दहशत बढ़ता जा रहा है।सरकार ने बचाव को ही सुरक्षा मान कर कोरोना से निपटने का फार्मूला लागू कर दिया है। अब आम आदमी सतर्कता के साथ ईश वंदना कर भगवान भरोसे ही ज्यादा सुरक्षित अनुभूति कर रहा है। यूपी में कोरोना को महामारी घोषित कर दिया गया। 15 मार्च को होने वाले भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले एक दिवसीय क्रिकेट मैच को रद्द कर दिया गया। बता दें कि पहले यह मैच बिना दर्शकों के कराने की बात हुई थी। पूर्व क्रिकेटर व राज्य सरकार के मंत्री मोहसिनरजा ने बताया कि दोनों टीमें एक ही फ्लाइट से राजधानी लखनऊ आ गयीं थीं। कोरोना के आतंक से अब यह वनडे सीरीज रद्द हो गयी है तो दोनों टीमें वापस जा रही हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह और स्वास्थ्य विभाग के सभी उच्य अधिकारियों के साथ हाईप्रोफाइल बैठक कर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ कोरोना से बचाव को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी ओर से कोरोना से बचाव के प्रयास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे है। प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी के नेतृत्व में कोरोना से बचाव के लिए 11 कमेटियां गठित कर दी गयीं हैं। जो कोरोना से निपटने के लिये हर स्थित पर नजर रखेंगे।प्रदेश में सभी स्कूलों, सिनेमाघरों, भीड़भाड़ की जगहों वालेे स्थानों को लेकर कड़ीं निगरानी रखेंगे। मेडिकल कॉलेज में MBBS तक के क्लासेज़ नहीं होंगे। बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा तक के सभी स्कूल- कॉलेज 22 मार्च तक बंद रहेंगे।जहां परीक्षायें चल रही हैं वहां परीक्षाएं रद्द नही होंगी। जहाँ परीक्षा शुरू नहीं हुई है वहां की परीक्षा स्थगित कर आगे की तिथियों में टाल देंगे। इस संदर्भ में जब कोरोना से बचने के लिए लखनऊ स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशुतोष दुबे से बात-चीत किया तो उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस एक बड़े आकार का वायरस है।मास्क को लेकर आज आम आदमी में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं मास्क की जरूरत आमजन को नहीं है, केवल जिन व्यक्तियों को खांसी जुकाम बुखार या मौसमी फ्लू है वह सामान्य सर्जिकल मास्क, रुमाल, तौलिया या गमछे का प्रयोग करें। जिससे कि अन्य जनों में उनका संक्रमण न फैले। ऐन 95 मास्क की जरूरत ना तो मरीज को है और ना ही  उसके इर्द-गिर्द रहने वाले किसी अन्य ब्यक्ति को है। ऐन 95 मास्क केवल  चिकित्सा कर्मियों अथवा मरीज के नजदीकी तीमारदार को ही पहनना चाहिए। कोरोना वायरस एक साथ नजदीक में रहने वालों में फैलता है। अतः एक क्षेत्र में जहां पर कोरोना का कोई व्यक्ति रह रहा है वहां के लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। कोरोना वायरस का टेस्ट, फ्लू के मरीजों को कराने की आवश्यकता नहीं है इसकी आवश्यकता केवल उन्हीं लोगों को है जो लोग विगत दिनों में जहां पर कोरोना महामारी बन चुका है वहां की यात्रा की हो या वहां के किसी निवासी के क्लोज संपर्क में रहे हों। मौसमी जुखाम बुखार सामान्यता एक सप्ताह में ठीक हो जाता है। एहतियात के तौर पर वर्तमान मौसम में भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे सिनेमाघर, मॉल, ट्रेन, बस की यात्रा, बड़ी आम सभाओं में जाने से बचना चाहिए। जुखाम खांसी बुखार के मरीजों से बात करते समय कम से कम एक मीटर की दूरी बना के रखना चाहिए सार्वजनिक स्थान के आर्टिकल जैसे रेलिंग, कुंडी, दरवाजे, इत्यादि को छूने के बाद हाथ को साबुन से अच्छी तरह से धुले या अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से साफ करें। अपने चारों तरफ साफ सफाई रखें, पूर्णतया पका एवं स्वच्छ खाना खाए, स्वच्छ जल पिये। अनावश्यक किसी प्रकार के भ्रम में पढ़ने की आवश्यकता नहीं है।