मनोज श्रीवास्तव/अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि स्थान पर विराजमान भगवान रामलला का दर्शन करने आये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि "हम भाजपा से युति तोड़े हैं, हिंदुत्व से नहीं"। भगवान राम का दर्शन करने पूर्व श्री ठाकरे ने घोषणा किया कि श्रीरामजन्मभूमि स्थान पर बनने वाले भव्य श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट के खाते में राममंदिर निर्माण के लिए हम अपने ट्रस्ट से एक करोड़ का दान देंगे। उन्होंने कहा कि जब हम पहली बार यहां आये थे तो सरयू आरती किये थे, इस बार कॅरोना के आतंक के कारण भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम से बचना था इस लिये आरती का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। सरयू आरती भविष्य में फिर कभी करूंगा। मैं बार-बार अयोध्या आऊंगा। अपनी सरकार के सौ दिन पूरे होने पर श्रीरामजन्मभूमि पे विराजमान भगवान रामलला का दर्शन करने आये थे। पहली बार छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मभूमि से मिट्टी लेकर श्रीरामजन्मभूमि पर चढ़ाया था। हम वह नहीं हैं, केवल चुनाव के समय ही राम-राम नहीं करते। हमने भाजपा से युति तोड़ी है हिंदुत्व से नहीं। मैं भगवान रामलला का दर्शन करने 2018 में आया था, 2019 में आया था, आज फिर आया हूँ, आगे फिर अयोध्या आऊंगा, बार-बार आऊंगा। श्रीठाकरे अयोध्या में पत्रकार वार्ता संबोधित कर रहे थे। पत्रकारों ने पूंछा कि आप भगवान रामलला से क्या मांगेंगे तो उन्होंने कहा कि बिना मांगे रामलला ने बहुत कुछ दे दिया, अगर बिना मांगे सब कुछ मिल रहा है तो क्या मांगू। मैं जब-जब अयोध्या आता हूँ प्रभु राम की कृपा से कुछ न कुछ कामयाबी लेकर आता हूँ। जब भी हम यहां आना चाहेंगे भगवान राम की इच्छा होगी, हम जरूर आयेंगे। उन्होंने कहा पहले हम लोग कहते थे कि संसद में कानून बना कर राममंदिर का निर्माण करो, भगवान ने स्वतः मंदिर निर्माण का सबसे अच्छा मार्ग निकाल दिया। उन्होंने कहा कि राममंदिर का बैंक खाता खुल गया है हम अपने ट्रस्ट की ओर से जल्द ही एक करोड़ दूंगा। भगवान राम का मंदिर ऐसा बने की जिसे पूरा विश्व देखने आये। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आग्रह करूंगा कि वह हमें जमीन उपलब्ध करावें तो महाराष्ट्र सरकार अयोध्या में महाराष्ट्र भवन का निर्माण करवा देगी। पत्रकारों ने पूछा कि आपके मुख्यमंत्री हुए सौ दिन पूरे हो गये सरकारी आवास में कब जाएंगे? इसके जवाब में उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं "मातोश्री" में रहता हूँ, जहां सदैव मां का आशीर्वाद रहता है। उनकी अनुभूति में रहता हूँ।