जबलपुर में पर्यटन की असीम संभावनायें - सांसद राकेश सिंह



  • पर्यटनों स्थलों को विकसित करने को लोकसभा में सौंपा मांग पत्र



जबलपुर। जबलपुर को पर्यटन हब बनाने एवं पर्यटन स्थलों के विकास के लिए  सांसद  राकेश सिंह ने लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष मांग पत्र सौंपते हुये केंद्र सरकार एवं पर्यटन मंत्री  प्रह्लाद पटेल से पर्यटन विकास के कार्य कराये जाने को स्वीकृति  देने की मांग की।
 राकेश सिंह ने बताया कि, विश्व के किसी भी देश के लिए बेहतर पर्यटन का अपना एक अलग महत्व हैं। आज भी विश्व के कई देशों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर है और मुझे यह कहते हुए गर्व हैं कि  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व में पर्यटन मंत्रालय ने पिछले 6 वर्षों में काफी अच्छे और बेहतर कार्य किये हैं। पर्यटन अधोसंरचना के क्षेत्र में भी मंत्रालय ने बेहतर कार्य किये हैं जिसके सुखद परिणाम भी हमें मिलने लगे हैं।
सांसद ने बताया कि, पर्यटन न केवल विकास की अगुवाई करता है बल्कि बड़े पैमाने पर के रोजगार सृजित करने की क्षमता के साथ लोगों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार लाता है। पर्यटन पर्यावरण संरक्षण का भी समर्थन करता है और दुनिया में शांति को मजबूत करता हैं। हमारी सरकार में विदेशी पर्यटकों के आगमन में लगातार वृद्धि हो रही हैं।
2018-19 की अपेक्षा में 2019-20 में विदेशी मुद्रा में लगभग 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
वर्षों पुरानी जम्मू कश्मीर में लागु धारा 370 एवं 35A को हटाने का एतिहासिक फैसला नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने किया है और कुछ ही महीनों बाद फरवरी महीने में जम्मू कश्मीर में पर्यटनीय विकास को दृष्टिगत रखते हुए 594 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये जिसके लिए सरकार बधाई की पात्र है।
सांसद ने कहा कि, मेरे संसदीय क्षेत्र जबलपुर में पर्यटन की असीम संभावनाएं उपलब्ध हैं। जबलपुर स्थित भेडाघाट संगमरमरी चट्टानों के बीच विश्व प्रसिद्ध वाटरफॉल (धुआंधार) है , जिसके किनारे प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा के दिन दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जबलपुर के बरगी डैम में साहसिक खेल-कूद के साथ ही पर्यटक क्रूज़ का भी आनंद उठा सकते हैं। जबलपुर से 150-200 किमी के रेडियस में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच एवं पन्ना नेशनल पार्क तथा पंचमढ़ी, अमरकंटक, खजुराहो जैसे पर्यटनीय एवं धार्मिक स्थल स्थित हैं। वर्तमान में जबलपुर से देश के सभी प्रमुख शहरों के लिए रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध होने के साथ ही जबलपुर से नियमित रूप से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद आदि शहर वायु सेवा के माध्यम से भी जुड़ा है।
जबलपुर को वाइल्ड लाइफ सर्किट में शामिल करें 
  राकेश सिंह ने कहा कि, जबलपुर को वाइल्ड लाइफ सर्किट में शामिल करने मै दिसम्बर 2015 से ही लगातार प्रयास कर रहा हूं  ।तत्कालीन पर्यटन मंत्री ने आश्वस्त किया था कि इस मामले में गंभीरतापूर्वक विचार उपरांत सम्बंधित विभाग को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजा गया है, किन्तु उस दिशा में आगे कोई कार्यवाही और प्रगति की जानकारी अभी मुझे नहीं है । 

संग्राम सागर पर लाइट एंड साउंड शो को प्रारम्भ करें 
 राकेश सिंह ने कहा कि, संग्राम सागर गौड़कालीन प्राचीन तालाब यह जबलपुर की धरोहर है, जो प्राचीन काल में जबलपुर में एयर कंडीशनर के रूप में जाना जाता था।  मैंने तालाब की  सफाई के लिए 22-29 मई 2013 के मध्य सात दिवसीय स्वच्छता अभियान के अंतर्गत तालाब की साफ़-सफाई  कवाई थी, जिसमे कई संगठनों ने इस कार्य में बढ़-चढ़कर अपना सहयोग प्रदान किया था। मेरी मांग पर केंद्र सरकार ने जबलपुर के विभिन्न पर्यटन स्थलों के विकास के लिए बजट स्वीकृत कराया था, जिसके माध्यम से संग्राम सागर का भी जीर्णोदार किया गया, साथ ही मैंने भी सांसद निधि से 30 लाख रुपये संग्राम सागर तालाब के अधोसंरचना विकास पर व्यय कर इसे व्यवस्थित करने का प्रयास किया है।
सांसद ने कहा कि, संग्राम सागर पर वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित घटनाओं पर लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से पर्यटकों और जनसामान्य को रूबरू कराने की लगातार की मांग की जाती रही है ।
संग्राम सागर तालाब शहर में स्थित होने के कारण यहाँ तक पर्यटकों और जनसामान्य को पहुचने के लिये परिवहन की उत्तम व्यवस्था है और यहाँ से पास में ही प्रसिद्ध मदन महल किला एवं बैलेंस रॉक भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।

जबलपुर में प्रस्तावित साइंस सेंटर एवं तारामंडल की स्थापना
सांसद  राकेश सिंह ने  मांग की, कि  वर्ष 2014 में जबलपुर के भेडाघाट में साइंस सेंटर एवं तारामंडल की स्थापना हेतु तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री डा. महेश शर्मा  ने स्वीकृति प्रदान की गई थी और साथ में 1 करोड़ रुपये प्रारंभिक बजट के रूप में केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को दिया गया था ।आपके अधीनस्थ नेशनल कौंसिल ऑफ़ साइंस म्यूजियम कोलकाता से निदेशक (मुख्यालय) भी जबलपुर आकर प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण कर सभी औपचारिकतायें पूरी कर अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रदेश सरकार को भेजा दिया है।
 उल्लेखनीय हैं कि, साइंस सेंटर के स्थापना के लिए सभी आवश्यक औपचारिकतायें पूर्व में ही पूरी कर ली गई थी, किन्तु प्रदेश में कांग्रेस सरकार   से पूर्वाग्रह होकर लगातार उसके निर्माण प्रक्रिया में व्यवधान पैदा करने का प्रयास किया ।पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने जबलपुर के तीन विश्वविद्यालयों जिसमे रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, वेटनरी एवं कृषि विश्वविद्यालय से अपने परिसर में भूमि उपलब्ध कराने को निर्देशित किया गया था, जिसके प्रत्युत्तर में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने  साइंस सेंटर हेतु  अपेक्षित भूमि उपलब्ध न होने की स्थिति से प्रदेश सरकार को अवगत करा दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त प्रस्ताव को प्रदेश कैबिनेट में शामिल कर स्वीकृत किया जा चुका है।

भेड़ाघाट स्थित चौसठ योगिनी मंदिर के संरक्षण एवं मूलभूत सुविधाएं
सांसद  ने कहा कि, जबलपुर स्थित भेड़ाघाट विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां पर स्थापित चैसठ योगिनी मंदिर विश्व का सबसे बड़ा गोलकी मठ है। इतिहासकारों के इस मत को भारतीय पुरातत्व विभाग ने भी स्वीकार किया है। इस मंदिर को संरक्षित कराये जाने के साथ ही साथ यहां पर लिफ्ट सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्थायें कराये जाने की अत्यंत आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में पूर्व में भी पत्राचार किया गया है। 

भेड़ाघाट को विश्व धरोहरों में शामिल करें 
सांसद ने कहा कि, प्रदेश सरकार ने भेड़ाघाट को यूनेस्को की सूची में शामिल किये जाने के लिए प्रस्ताव बनाकर  मंत्रालय को भेजा है।  इसके सर्वे के लिये केन्द्रीय सर्वे दल को अब तक जबलपुर आने का अनुमान लगाया जा रहा था किन्तु सर्वे टीम अब तक जबलपुर पहुंची नहीं है। 
सांसद  राकेश सिंह ने कहा कि, जबलपुर में पर्यटन की असीम संभावनायें हैं और इन पर्यटन स्थलों के विकास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है तो निश्चित तौर पर जबलपुर मध्य भारत का एक विकसित और अत्यंत सुन्दर पर्यटन स्थल बनकर उभरेगा। अतः आपके माध्यम से निवेदन है कि, पर्यटन मंत्रालय उपरोक्त मांगों को पूरा करने की दिशा में सहयोग देगा।