- मुख्यमंत्री ने कोरोना लाॅक डाउन से उत्पन्न स्थिति से प्रभावित दिहाड़ी श्रमिकों, दैनिक कामगारों, विभिन्न प्रकार की पेंशन पाने वालों को दी जा रही राहत की समीक्षा की
लखनऊ:
कोरोना के प्रभाव से चिकित्सा कर्मियों, प्रभावित मरीजों के परिजनों इत्यादि को एन-95 मास्क उपलब्ध कराने के लिए इनकी व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एन-95 मास्क की कालाबाजारी, ओवर रेटिंग तथा नकली एन-95 मास्क की बिक्री को हर हाल में रोका जाए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस से निपटने के लिए अस्पतालों में की गई व्यवस्थाओं पर गलत टिप्पणी कर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना लाॅक डाउन से उत्पन्न स्थिति से प्रभावित दिहाड़ी श्रमिकों, दैनिक कामगारों, विभिन्न प्रकार की पेंशन पाने वालों को दी जा रही राहत के सम्बन्ध में समीक्षा की। उन्होंने श्रम, नगर विकास तथा ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी पात्र लोगों के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से सहायता राशि उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था, निराश्रित महिला तथा दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं से आच्छादित लाभार्थियों के खातों में अग्रिम धनराशि भेज दी जाए। उन्होंने खाद्य विभाग को निर्देशित किया कि सभी राशन की दुकानों में खाद्यान्न की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। प्रत्येक राशन की दुकान पर साफ-सफाई के साथ ही, साबुन व सैनिटाइजर की व्यवस्था अवश्य हो। उन्होंने जनपद जौनपुर में कोरोना का 01 केस पाॅजिटिव पाये जाने पर वहां भी लाॅक डाउन लागू करने के निर्देश दिए। अब प्रदेश में लाॅक डाउन जनपदों की संख्या बढ़कर 17 हो गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक है कि एक इंटीग्रेटेड व्यवस्था बनायी जाए। सभी जिलों में चिकित्सा से जुड़ी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जहां आवश्यकता हो, वहां एन0आर0एच0एम0 फण्ड का उपयोग किया जाए। सभी प्राइवेट मेडिकल काॅलेजों में आइसोलेटेड वाॅर्ड की व्यवस्था आवश्यक रूप से की जाए। पैरामेडिकल टेªनीज़ को टेªनिंग देकर अस्पताल की सेवाओं में सम्मिलित करें, जिससे प्रभावितों को बेहतर सुविधा मिल सके।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने इमरजेंसी इक्विपमेंट, मास्क, ग्लव्स, अन्य आवश्यक चिकित्सकीय वस्तुओं इत्यादि की आपातकालीन क्रय प्रक्रिया के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से जानकारी प्राप्त की और इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कमेटी गठित कर प्रक्रिया तय कर शीघ्रता से आवश्यक खरीद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य शीघ्रता से किया जाए, ताकि प्रदेश में कोरोना के विस्तार को प्रभावी ढंग से रोका जा सके और प्रभावित मरीजों का बेहतर उपचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि जनपदों में खरीद के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाए, जो आवश्यकतानुसार निर्णय ले।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 16 जनपदों में लागू किए गए लाॅक डाउन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने मण्डी निदेशक को लाॅक डाउन जनपदों में दूध तथा सब्जी की सप्लाई चेन को मुकम्मल करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को अन्य आवश्यक वस्तुओं तथा दवाइयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन प्रभावित जनपदों में दूध और सब्जी की सप्लाई समय के साथ मोहल्ले-मोहल्ले तक सुनिश्चित की जाए। आवश्यकता पड़ने पर पी0आर0वी0 112 के वाहनों का उपयोग सप्लाई में करने का सुझाव दिया। उन्होंने सामान ढोने वाले वाहनों का संचालन निर्बाध रूप से सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने लोगों द्वारा पैनिक बाइंग को हतोत्साहित करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें कि आवश्यक वस्तुओं के दाम हर हाल में स्थिर रहें। उन्होंने लाॅक डाउन प्रभावित जनपदों में निर्बाध विद्युत और जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने लाॅक डाउन को प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि असहयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सभी अंतर्राज्जीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को पूरी तरह से सील किया जाए, ताकि लाॅक डाउन की अवधि में अनावश्यक यातायात को रोका जा सके। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों को बसों द्वारा उनके गंतव्य तक पहुंचाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न राज्यों तथा जनपदों में अध्ययनरत छात्रों और कार्यरत कार्मिकों को अपने-अपने क्षेत्रों में ही रुकने के लिए कहा, ताकि एक साथ बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही रुक सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है। इसमें जनसहयोग की आवश्यकता है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एक उत्कृष्ट और स्थायी डिजास्टर कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के लिए कहा, ताकि किसी भी आकस्मिकता की स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि यह कण्ट्रोल रूम प्रदेश में निरन्तर सजगता से निगरानी करे और किसी भी आपदा की स्थिति की तत्काल सूचना शासन को उपलब्ध कराए। इसके अलावा, आपदा के सम्बन्ध में मीडिया को भी सही तथ्य उपलब्ध कराए जाएं। यह कण्ट्रोल रूम दैनन्दिन सूचनाएं मुख्य सचिव कार्यालय को भेजे। इस कण्ट्रोल रूम से ‘102’, ‘108’, ‘112’ जैसी सेवाओं को भी लिंक किया जाए।
बैठक में मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 तथा खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत कुमार सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल एवं संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।