राकेश सिंह ने प्रधानमंत्री आवास कार्यों की धीमी रफ़्तार पर लोकसभा में उठाया सवाल

  • गरीब जनता के उसके मौलिक अधिकारों को पलीता लगा रहा अफसर



जबलपुर। नरेन्द्र मोदी ने देश की गरीब ग्रामीण जनता के सम्मान के साथ पक्की छत के नीचे एक शौचालय, बिजली एवं साफ़ पानी के साथ जीवन जीने के उनके मौलिक अधिकार के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का शुरुआत की गई थी किन्तु मध्यप्रदेश की असंवेदनशील सरकार और उनके अफसरों के द्वारा इस योजना को पलीता लगाया जा रहा है. सांसद राकेश सिंह ने लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत जबलपुर जिलें में प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन के निराशाजनक रवैयें के कारण लगातार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीब ग्रामीण जनता को पक्का मकान प्रदान करने की अत्यंत धीमी रफ़्तार पर चर्चा की.


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सांसद सिंह ने कहा कि 2019-20 वित्तीय वर्ष समाप्त होने को मात्र 1 माह शेष है, किन्तु अभी तक जिला प्रशासन जबलपुर का अमला पीएम आवास के दिए गये टारगेट के आधे में भी नहीं पहुँच सका है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में जिलें को 8 हज़ार आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया था जो अबतक मात्र 1266 आवास ही बना सका है. पिछले 9 जनवरी 2020 को आयोजित “दिशा” की बैठक में इस विषय पर विस्तृत चर्चा कर आवास योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों में गति लाने और तय समयसीमा को दिए गये लक्ष्य को पूरा करने कहा गया था किन्तु मध्यप्रदेश की सरकार राजनैतिक दुर्भावना से इसे सम्पूर्ण प्रदेश में विलंबित करने का प्रयास कर रही हैं. सांसद ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से कहा कि वे प्रदेश सरकार को निर्देशित करें ताकि आवास योजना के कार्यों में गति लाया जा सके और अपेक्षित गरीब ग्रामीण जनता को इस योजना के माध्यम से आवास प्रदान किया जा सके.