उप खनिजों के खनन हेतु दिशा-निर्देश जारी


लखनऊ। सचिव एवं निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग उत्तर प्रदेश शासन डा0 रोशन जैकब ने    कृषिकीय/ निजी भूमि के स्वामियों को उनकी भूमि से संबंधित उपखनिजों के खनन हेतु अनुज्ञा पत्र/ खनन पट्टे दिए जाने के संबंध में समस्त जिलाधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं। डॉ रोशन जैकब ने बताया कि उत्तर प्रदेश खनिज( परिहार )नियमावली 1963 के नियम 52 -क ,के अंतर्गत कृषिकीय भूमि पर बाढ़ के कारण एकत्र बालू ,/मोरम /बजरी/ बोल्डर आदि को हटाए जाने हेतु  रायल्टी का  दोगुना के आधार पर खनन अनुज्ञा पत्र स्वीकृत किए जाने के प्राविधान हैं ।इस संबंध में शासन द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं ।इसी प्रकार नियमावली-1963 के नियम -23(ड़) के अन्तर्गत नदी तल स्थित निजी भूमि मे उपलब्ध बालू /मोरम/बजरी /बोल्डर के रिक्त क्षेत्रों का ई-निविदा प्रणाली के माध्यम से खनन परिहार स्वीकृत किए जाने के भी प्राविधान  हैं। इस संबंध में भी प्रतिक्रियात्मक  दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं। 


डा0 रोशन जैकब ने बताया कि कतिपय जनपदों से यह तथ्य प्रकाश में आया है कि नियम- 52 क, के अंतर्गत कृषिकीय भूमि पर तथा नियम -23 (ड़) के अंतर्गत नदी तल स्थित निजी भूमि पर   भूस्वामियों द्वारा खनन परिहार स्वीकृत किए जाने हेतु प्रदेश में अधिक संख्या में आवेदन पत्र प्रस्तुत किए गए हैं ,परंतु उपरोक्त नियमों व शासनादेशों में दी गई व्यवस्था के अनुसार खनन परिहार स्वीकृत किए जाने में जनपद स्तर पर समयान्तर्गत कार्यवाही नहीं हो रही है । डा0 रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री ने  प्रदेश में बालू/ मोरम की उपलब्धता बनाए रखने के साथ ही ,उसे आम जनमानस को उचित एवं सस्ते दर पर बालू/ मोरम उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं । इस हेतु बालू/मोरम की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कार्रवाई किया जाना आवश्यक है।
डा0 रोशन जैकब ने  समस्त जिलाधिकारियों को जारी परिपत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश   उप खनिज  (परिहार)  नियमावली  1963 के  नियम -52 क, के अंतर्गत  कृषि भूमि पर  प्राप्त आवेदनों पर नियमानुसार जांच कराकर एक माह के अंदर निस्तारण कराया जाए तथा नियम 23 (ड़)के अंतर्गत प्राप्त आवेदनो के संबंध में क्षेत्र में उपलब्धता एवं खनन हेतु क्षेत्र की उपयुक्तता की जांच कराकर एक माह के अंदर ई -निविदा हेतु विज्ञापन की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर जनपद स्तर से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।
डा0रोशन जैकब ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यह कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए प्रतिमाह प्राप्त स्वीकृत /अस्वीकृत/ लंबित/ निर्गत अनुज्ञा पत्र/ स्वीकृत पट्टे और माह तक समेकित रूप से कृत कार्यवाही की रिपोर्ट प्रत्येक माह की 5 तारीख तक निदेशक ,भूतत्व एवं खनिकर्म को विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाए।