उत्तर प्रदेश ने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए बनाई समन्वय समिति


लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार  चिन्हित 10 आदर्श इलेक्ट्रिक वाहन मोबिलिटी नगरों में नोएडा , गाजियाबाद , मेरठ , मथुरा , आगरा , कानपुर , लखनऊ , इलाहाबाद , गोरखपुर और वाराणसी शामिल हैं , जिसमें से नोएडा प्रदेश का पहला आदर्श इलेक्ट्रिक वाहन मोबिलिटी नगर बनने की ओर अग्रसर है ।  उत्तर प्रदेश सरकार प्रदूषण एवं भूमण्डलीय तापक्रम में वृद्धि ( ग्लोबल वार्मिंग ) की समस्या से निपटने के लिए राज्य में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है । इस दिशा में राज्य की इलेक्ट्रिक वाहन मैन्यूफैक्चरिंग नीति - 2019 के सुचारू , समयबद्ध एवं पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए प्रमुख सचिव , अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास औद्योगिक विकास ,  आलोक कुमार की अध्यक्षता में एक अंतर्विभागीय समन्वय समिति का गठन किया गया है । परिवहन , नगर विकास , आवास , ऊर्जा विभाग एवं उ . प्र . एक्सप्रेसवेज़ औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( यूपीडा ) व प्रदेशीय इण्डस्ट्रियल एण्ड इन्वेस्मेंट कॉर्पोरेशन ऑफ यू . पी . ( पिकप ) इस समन्वय समिति के सदस्य नामित किए गए हैं । समन्वय समिति के अध्यक्ष , प्रमुख सचिव , अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग -  आलोक कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन एवं सम्बंधित बुनियादी सुविधाओं के उभरते हुए सेक्टर को राज्य में विकसित करने हेतु विभिन्न हितधारकों एवं सम्बंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से समिति ने हाल ही में अपनी पहली बैठक में विभिन्न विकासपरक गतिविधियों का जायजा लिया और समन्वयके विभिन्न मुद्दों को हल किया । आलोक कुमार ने बताया कि भारत सरकार के भारी उद्योग विभाग की फास्टर एडॉप्शन एण्ड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ ( हाईब्रिड एण्ड ) इलेक्ट्रिक व्हीकिल्स ( फेम - 2 ) योजना के अन्तर्गत राज्य के नगर विकास विभाग द्वारा प्रदेश में 700 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है , जबकि वर्ष 2022 तक राज्य सरकार की लाभप्रद् संस्थाओं , निगमों और विभिन्न विकास प्राधिकरणों द्वारा अपने वाहन मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ ( हाईब्रिड एण्ड ) इलेक्ट्रिक व्हीकिल्स ( फेम - 2 ) योजना के अन्तर्गत राज्य के नगर विकास विभाग द्वारा प्रदेश में 700 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है , जबकि वर्ष 2022 तक राज्य सरकार की लाभप्रद् संस्थाओं , निगमों और विभिन्न विकास प्राधिकरणों द्वारा अपने वाहन बेड़े में कम से कम 25 प्रतिशत् इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने को अनिवार्य करने की  ोजना है । उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा इस सेक्टर के विकास हेतु बहुआयामी रणनीति अपनाई जा रही है , जिसके तीन प्रमुख बिन्दु हैं , जिसमें राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक जीवंत बाजार विकसित करना , एक सक्षम बुनियादी ढांचे के पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण और मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देना सम्मिलित हैं । इन समस्त बिन्दुओं पर राज्य की इलेक्ट्रिक वाहन मैन्यूफैक्चरिंग नीति - 2019 में व्यापक वित्तीय प्रोत्साहन व सुविधाएं प्रदान करने के प्राविधान किए गए हैं । इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोगकर्ताओं व ग्राहकों को रोड टैक्स और वाहन रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट के साथ ही चार्जिंग हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने के लिए उदार टैरिफ दरों को मंजूरी दे दी है । प्रमुख सचिव ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के नीति - निर्देशों का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में चार्जिंग की बुनियादी सुविधाओं को स्थापित करने का निर्णय किया है । इस दिशा में चार्जिंग स्टेशनों के विकास तथा राज्य में प्रमुख एक्सप्रेसवेज़ और राजमार्गों पर चार्जिंग के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए यूपीडा को नोडल संस्था नामित किया गया है । ज्ञात हो कि फेम - 2 कार्यक्रम के अन्तर्गत् उत्तर प्रदेश को 207 चार्जिंग स्टेशन आवंटित किए गए हैं । उ . प्र . इलेक्ट्रिक वाहन मैन्यूफैक्चरिंग नीति - 2019 में प्रदान की गई विभिन्न सुविधाओं पर प्रकाश डालते हुए सचिव , अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास औद्योगिक विकास –  नीना शर्मा ने बताया कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्यूफैक्चरिंग और संबद्ध उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन मैन्यूफैक्चरिंग नीति - 2019 के माध्यम से देश में इस क्षेत्र में वित्तीय और गैर - वित्तीय सुविधाओं का सबसे अच्छा प्रोत्साहन पैकेज प्रदान किया जा रहा है । प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अनुसंधान एवं विकास में सहायता के लिए भूमि और पूंजीगत सब्सिडी के साथ नीति के अन्तर्गत् इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र के तीनों अंगों को लाभ प्रदान किए गए हैं , जिसमें निर्माता , सेवा प्रदाता ( चार्जिंग सुविधाओं / बैटरी स्वैपिंग / प्रतिस्थापन ) और उपयोगकर्ता सम्मिलित हैं ।


गौरतलब है कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा निवेश मित्र के उन्नत संस्करण के उद्घाटन के बाद अब तक इससे 1 लाख से अधिक डिजिटल स्वीकृतियां प्रदान की जा चुकी हैं । इस पोर्टल के रूप में प्रदेश में निवेशकों को उपलब्ध व्यवसाय में सहजता तथा राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में विद्यमान सम्भावनाओं के दृष्टिगत् राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों में उत्साह है । इसी क्रम में दक्षिण कोरियाई ईवी निर्माता , एडिसन मोटर्स ने राज्य में निवेश करने में रुचि व्यक्त की है ।