उत्तर मध्य रेलवे ने अपने 130 कोचों को कोविड केयर सेंटर के रूप में परिवर्तित कर दिया है। इन कोचों का उपयोग कोविड के सामान्य मामलों के लिए किया जा सकता है। राज्य सरकार की आईसोलेशन की उपलब्ध क्षमता की समाप्ति के बाद कोविड केसों के आईसोलेशन के लिए राज्यों द्वारा इसका प्रयोग किया जा सकता है।
उत्तर मध्य रेलवे के 03 महत्वपूर्ण स्टेशनों यानी प्रयागराज जंक्शन, कानपुर और झांसी को चिन्हित किया गया है और ये स्टेशन कोविड पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए बनाये गये रेकों हेतु ज़रूरी पानी भरने और चार्जिंग की सुविधा से युक्त हैं। रेलवे इन डिब्बों का आवंटन राज्य / संघ राज्य क्षेत्रों को करेगा जिनको ट्रेन के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के साथ स्टेशन पर रखकर जिला प्रशासन को सौंपेगा। जहां भी ट्रेन रखी जाए, वहां पानी, बिजली, अनुरक्षण एवं खानपान की व्यवस्था के साथ ही उसकी सुरक्षा की व्यवस्था भी रेल प्रशासन करेगा। कोच आधारित कोविड केयर सेंटरों के अलावा, उत्तर मध्य रेलवे ने पहले से ही 651 क्वारंटाइन बेडों और केंद्रीय चिकित्सालय प्रयागराज तथा मंडल रेल चिकित्सालय झांसी में और 100 -100 बेड के अलग कोविड वार्ड बनाए हैं।
उत्तर मध्य रेलवे की पहली आउटगोइंग श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1282 छात्रों को ले जाने के लिए दिनांक 08.05.20 को अलीगढ़ से पूर्णिया जंक्शन तक चलाई जा रही है। इस बीच, दिनांक 08.05.20 तक उत्तर मध्य रेलवे द्वारा कुल 125 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को परिचालित किया गया है और 17 टर्मिनेटिंग श्रमिक विशेष ट्रेनों से विभिन्न स्टेशनों तक लगभग 20000 प्रवासियों और अन्य फंसे व्यक्तियों को लाया गया है।